मुख विवर sentence in Hindi
pronunciation: [ mukh viver ]
"मुख विवर" meaning in English
Examples
- स्वरों के उच् चारण में केवल काकल में अवरोध होता है, मुख विवर से हवा निर्बाध गति से बाहर निकलती है ।
- यह क्षेत्र शरीर के खोखले अंगों की एक ट्यूबनुमा श्रृंखला है जो मुड़ती तुड़ती मुख विवर से गुदा तक चली आती है.
- काकुद (सं.) [सं-पु.] मुख विवर के अंदर ऊपर की दंतपंक्ति से लेकर अलिजिह्वा या काकल तक का भाग ; तालु।
- फिर छांहतन! जा वहां पार्थ ने की जहाँ वाण वर्षा कुरुक्षेत्र रण में नृपति मुख विवर में कि ज्यों हो तुम्हारी सघन धार वर्षा कमल पुष्प वन में
- गाल (सं.) [सं-पु.] 1. चेहरे पर मुख विवर और नाक के दोनों ओर ठुड्डी और कनपटी के बीच का कोमल अंग ; कपोल 2.
- मुझे भी स्मरण है, कि मेरे शिक्षक क्ष, ज्ञ, ण, ळ, इत्यादि को मुख विवर के किस स्थान से उच्चारित करना, यह समझाकर उसका अभ्यास करवाते थे।
- यह विशेषक चिह्न संबंधित स्वर के अनुनासिक उच् चारण का है (यानी उस स्वर के उच् चारण में मुख विवर के साथ-साथ नासिका विवर से भी हवा बाहर निकलती है ।
- ब्राह्मण अधिकांश दरिद्र दिखाई देते हैं, कवि कहता है कि इस विषय पर किसी प्रश्नोत्तर के समय लक्ष्मी जी भगवान् से कहती हैं-जिसने क्रुध्द होकर मेरे पिता को पी लिया, मेरे स्वामी को लात मारा, बाल्यकाल ही से जो रोज ब्राह्मण लोग वैरिणी (सरस्वती) को अपने मुख विवर में आसन दिये रहते हैं, शिवाजी को पूजने के लिये जो रोज मेरा घर (कमल) उजाडा करते हैं, इन्हीं कारणों से नाराज होकर हे नाथ! मैं सदैव ब्राह्मण का घर छोडे रहती हूँ-वहाँ जाती ही नहीं ॥ १ ६ ॥
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